tag:blogger.com,1999:blog-8003676056995414100.post823579508401311775..comments2023-10-20T19:59:18.830+05:30Comments on इन्द्रधनुष: तलाक की सिलिकाॅन वैलीमनोरमाhttp://www.blogger.com/profile/16151488354697995623noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8003676056995414100.post-41802285572593168392010-02-16T16:40:05.031+05:302010-02-16T16:40:05.031+05:30मै इसका कारण संस्कारों से बढती दूरी और पारिवारिक व...मै इसका कारण संस्कारों से बढती दूरी और पारिवारिक व्यवस्था में अनुसाशन की कमी और पश्चिम का अति अन्धानुकरण मानता हूँ<br />सादर<br />प्रवीण पथिक<br />9971969084प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी)https://www.blogger.com/profile/01003828983693551057noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8003676056995414100.post-40638505194227483872010-02-14T10:25:48.368+05:302010-02-14T10:25:48.368+05:30आपकी लेख से १००%सहमत ..... बहुत अच्छा लगा यह लेख.....आपकी लेख से १००%सहमत ..... बहुत अच्छा लगा यह लेख.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8003676056995414100.post-17745876729090963402010-02-13T23:47:55.575+05:302010-02-13T23:47:55.575+05:30सटीक विश्लेषण
आपकी बातों से सहमत हैं
सामाजिक समस्...सटीक विश्लेषण<br />आपकी बातों से सहमत हैं <br />सामाजिक समस्या पर बहुत अच्छा आलेख हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8003676056995414100.post-20383148379503828972010-02-13T21:35:59.108+05:302010-02-13T21:35:59.108+05:30लगता है आपके लेख कृतिदेव में हैं और आप उन्हें बिना...लगता है आपके लेख कृतिदेव में हैं और आप उन्हें बिना यूनीकोड में बदले ही पोस्ट कर रही हैं -<br />नीचे के लिंक पर एक अच्छा फंत कन्वर्टर है -आप इस्तेमाल में लाईये<br /> हाँ यह आलेख भी बहुत अच्छा है मगर एक भीषण सामाजिक समस्या की और संकेत कर रहा है .<br />http://www.rajneesh-mangla.de/unicode.phpArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8003676056995414100.post-32456488570892264832010-02-13T21:21:47.847+05:302010-02-13T21:21:47.847+05:30बिल्कुल सटीक विश्लेषण, अगर जल्दी ही आभासी जगत में ...बिल्कुल सटीक विश्लेषण, अगर जल्दी ही आभासी जगत में दोस्तों को ढ़ूढ़ने का शौक खत्म न हुआ तो ये संख्या और बड़ सकती है।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8003676056995414100.post-22006449284296625172010-02-13T20:57:01.705+05:302010-02-13T20:57:01.705+05:30आपकी बातों से शत प्रतिशत सहमत , और साथ ही मैं ये भ...<i> <b> आपकी बातों से शत प्रतिशत सहमत , और साथ ही मैं ये भी बताता चलूं कि यहां दिल्ली में भी हालत ये है कि सिर्फ़ एक अदालत में ही प्रति माह सौ से सवा सौ तलाक हो रहे हैं या लिए दिए जा रहे हैं और आश्चर्यजनक रूप से ग्रामीण क्षेत्र अभी भी इससे बचे हुए हैं बहुत हद तक </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.com